आरबीआई ने दिया आम आदमी को दो बड़ा तोहफा
आरबीआई ने आम जनता को आज दो बड़ा तोहफा दिया है।रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) ने गुरुवार को रेपो रेट में 0.25% कटौती की है। रेपो रेट अब 6% से घटकर 5.75% हो गया है। यह 9 साल में सबसे कम है। अगर बैंक RBI की रेपो रेट में कटौती के अनुरूप 0.25 फीसदी की ही कटौती करता है तो आपकी मकान, वाहन और अन्य कर्ज की मासिक किस्त भी पहले के मुकाबले कम हो जाएगी। इसके अलावा अगर आप नया लोन लेते हैं तो आपको सस्ते दर पर लोन मिल सकते है।
क्या है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट?
रेपो रेट वह दर है जिसपर रिजर्व बैंक बैकों को कर्ज देता है। जब आरबीआई रेपो रेट घटाती है तो बैंक भी होम लोन की ब्याज दर कम करती है। इसी तरह जब बैंकों के पास अतिरिक्त पैसा होता है तो वे इस पैसे को RBI के पास रखते हैं। इस पर उन्हें ब्याज मिलता है। इस ब्याज दर को रिवर्स रेपो रेट कहते है।
RBI ने इसके साथ ही ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने वाले ग्राहकों को राहत देते हुए RTGS और NEFT पर शुल्क पूरी तरह खत्म करने का फैसला किया है। रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (RTGS) और नैशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) के जरिए लेनदेन पर RBI बैंकों से शुल्क लेता है।ऐसे में ग्राहकों के खाते से अतिरिक्त राशि कटती है। हालांकि अब आरबीआई के फैसले को बैंकों को मानना पड़ेगा, जिसका फायदा ग्राहकों को मिलेगा।
आरबीआई ने आम जनता को आज दो बड़ा तोहफा दिया है।रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) ने गुरुवार को रेपो रेट में 0.25% कटौती की है। रेपो रेट अब 6% से घटकर 5.75% हो गया है। यह 9 साल में सबसे कम है। अगर बैंक RBI की रेपो रेट में कटौती के अनुरूप 0.25 फीसदी की ही कटौती करता है तो आपकी मकान, वाहन और अन्य कर्ज की मासिक किस्त भी पहले के मुकाबले कम हो जाएगी। इसके अलावा अगर आप नया लोन लेते हैं तो आपको सस्ते दर पर लोन मिल सकते है।
क्या है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट?
रेपो रेट वह दर है जिसपर रिजर्व बैंक बैकों को कर्ज देता है। जब आरबीआई रेपो रेट घटाती है तो बैंक भी होम लोन की ब्याज दर कम करती है। इसी तरह जब बैंकों के पास अतिरिक्त पैसा होता है तो वे इस पैसे को RBI के पास रखते हैं। इस पर उन्हें ब्याज मिलता है। इस ब्याज दर को रिवर्स रेपो रेट कहते है।
RBI ने इसके साथ ही ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने वाले ग्राहकों को राहत देते हुए RTGS और NEFT पर शुल्क पूरी तरह खत्म करने का फैसला किया है। रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (RTGS) और नैशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) के जरिए लेनदेन पर RBI बैंकों से शुल्क लेता है।ऐसे में ग्राहकों के खाते से अतिरिक्त राशि कटती है। हालांकि अब आरबीआई के फैसले को बैंकों को मानना पड़ेगा, जिसका फायदा ग्राहकों को मिलेगा।